कहि आणखी मन की बातें उठती हैं चाय के प्याले से गर्म भाप की उष्मीय आत्मीयता के साथ कहि आणखी मन की बातें उठती हैं चाय के प्याले से गर्म भाप की उष्मीय आत्मीयता...
साथ उसका अब भी अपना सा लगता है मुझे साथ उसका अब भी अपना सा लगता है मुझे
कहीं हो ना जाए हमसे ऐसी कोई नादानी। कहीं हो ना जाए हमसे ऐसी कोई नादानी।
करले जो विश्वास तेरे पे, वो कभी भी जग से हारा नहीं। करले जो विश्वास तेरे पे, वो कभी भी जग से हारा नहीं।
जिन आंखों ने सपने देखे, नीर बहायेंगे ही, तेरे मेरे बीच के किस्से दूर तो जाएंगे ही जिन आंखों ने सपने देखे, नीर बहायेंगे ही, तेरे मेरे बीच के किस्से दूर तो जाएंग...
तुम्हारी शहद सी बातें मीठी लगती हैं हमेशा ! तुम्हारी शहद सी बातें मीठी लगती हैं हमेशा !